Kisi sarai ki tarah hai zindagi meri
किसी सराय की तरह है जिंदगी मेरी
लोग आते हैं रहते हैं चले जाते हैं
डेढ़ साल तक तेरा ठहरना हुआ
Teri tasveer muskarati hai
तेरी तस्वीर मुस्कुराती है,
जब भी कहता हूं याद आती है।
प्यार का रूह से ये रिश्ता है।
माँ से जब भी फ़ोन पर बात होती है
कान मेरे अक्सर गीले हो जाते हैं
क्यों रोती है माँ मेरी आवाज़ सुनकर
वह मेरे साथ ही था दूर तक मगर इक दिन
जो मुड़ के देखा तो वह दोस्त मेरे साथ न था
फटी हो जेब तो कुछ सिक्के खो भी जाते हैं।
लोग मेलों में भी गुम हो कर मिले हैं बारहा
दास्तानों के किसी दिलचस्प से इक मोड़ पर
यूँ हमेशा के लिये भी क्या बिछड़ता है कोई?